किताब समीक्षा - राक्षस राज्य - लेखक : अब्बास पठान - Book Review
लेखक अब्बास पठान जी की किताब '' राक्षस राज्य'' हाल ही में रिलीज़ हुई है। किताब में कुल 57 कहानियाँ हैं, हर कहानी अपने आप में अनूठी और लाजवाब है। हर कहानी में देश और समाज की
गंभीर समस्यांओं और समाज में व्याप्त बुराइयों को बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है।
शब्दों और भाषा का लाजवाब मिश्रण हर कहानी को रोचक बना देता है।
हर कहानी में देश और समाज के लिए एक सन्देश नज़र आता है। किताब की पहली कहानी ''निस्बत'' में एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया गया है कि किस तरह से इंसान बुरे दोस्तों की सोहबत में रहकर उनका अनुसरण करके अपने परिवार को तबाही की कगार पहुंचा देता है। एक अन्य कहानी ''कलपुर्ज़े'' में बाल मज़दूरी की समस्या को रेखांकित किया गया है। ''लुटेरे'' कहानी में बताया गया है कि शासन और लुटेरे मिलकर किस तरह से जनता को लूट रहे हैं। ''कायर'' कहानी सन्देश देती है की अगर ज़ुल्म को बर्दाश्त किया जायेगा तो एक के बाद एक कई ज़ालिम उठ खड़े होंगे और उनका ज़ुल्म भी बढ़ता जायेगा। ''खज़ाना'' कहानी में बताया है किस तरह से लोग लालच और ढोंगी बाबाओं के चक्कर में फंसकर अपना पैसा और इज़्ज़त दोनों गँवा देते हैं।
राजनीति, भ्रष्टाचार, अन्धविश्वास, धार्मिक कुरीतियां, झूठी आस्था, तृष्टिकरण देश और समाज में व्याप्त बुराइयों पर बेहतरीन अंदाज़ में करारा प्रहार किया है। कई कहानियों में हास्य पुट भी मिलता है जो कहानी को और रोचक बना देता है। लेखक अब्बास पठान जी की एक ख़ास खूबी भी किताब में नज़र आती है उन्होंने कई छोटी-छोटी रचनाओं में बहुत कम शब्दों में ही बहुत कुछ कहकर गागर में सागर भरने का काम किया हैं। भाषा के
साथ शब्दों का लाजवाब मेल इस किताब को बहुत ही रोचक बना देता है। किताब
शुरू से अंत तक पाठक को बांधकर रखती है।
किताब की शुरुआत में लेखक अब्बास पठान जी ''अपनी बात'' में कहते हैं ''इस किताब के ज़रिये मैंने इंसान के स्वभावगत और नैतिक रूप से पथभ्रष्ट होने की बुराई पर चर्चा की है। मेरा मक़सद मानव समाज जिसमे - मैं खुद भी शामिल हूँ - को वो आइना दिखाना है जिसके ज़रिये उसे अपने भीतर बैठा राक्षस स्पष्ट रूप से नज़र आ जाये। ''
किताब का
प्रकाशन ''ख़लीज मीडिया'' द्वारा किया गया है। आप भी लेखक अब्बास पठान जी की किताब
''राक्षस राज्य'' को ज़रूर पढ़ें और अपने अंदर और समाज में मौजूद राक्षस रुपी बुराइयों को पहचानकर अपने स्तर पर सुधारने की कोशिश करें। किताब खरीदने के लिए लेखक अब्बास पठान जी से फेसबुक (https://www.facebook.com/abbas.pathan92 ) पर कांटेक्ट कर सकते है।
शहाब खान 'सिफ़र'
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