नफ़रत के माहौल में मोहब्बत का पैग़ाम पहुंचाता सर्फ़ एक्सेल का विज्ञापन #सिफ़र
सर्फ़ एक्सेल के साम्प्रदायिक सौहार्द और
एकजुटता का सन्देश देने वाले एक विज्ञापन को काफी विरोध का सामना करना पड़ा। कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ
अमनपसंद और देश की गंगा जमुनी तहज़ीब के पक्षधर लोगों को ये विज्ञापन बहुत
पसंद आ रहा है। एक मिनट के इस विज्ञापन में सर्फ एक्सेल ने एक बेहतरीन
सन्देश देने की कोशिश की जिसमे एक हिन्दू बच्ची मुस्लिम बच्चे को रंग से
बचाकर मस्जिद तक छोड़ने जाती है। एक दूसरे की भावना को समझना और उसका
सम्मान करना सदियों से भारत की तहज़ीब रही है। आज जब देश में नफ़रत की
राजनीति हो रही है, अहिंसावादी गाँधी जी के देश में एक झूठी अफवाह फैलाकर
किसी बेगुनाह और मासूम की हत्या कर दी जाती है ऐसे नफ़रत भरे माहौल में सर्फ
एक्सेल का ये मोहब्बत का पैग़ाम देने वाला विज्ञापन क़ाबिले तारीफ़ है।
कई
लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने ये विज्ञापन देखा भी नहीं होगा बस बिना सोचे
समझे विरोध की भेड़चाल में शामिल होकर विरोध में लगे हैं। कुछ लोग गूगल
प्ले स्टोर पर MS Excel app को सर्फ समझकर उसके रिव्यु में सर्फ एक्सेल का
विरोध में लगे हैं उन लोगों को सर्फ एक्सेल और MS Excel में फ़र्क़ तक नहीं
मालूम वो भी विरोध में लगे हैं।
भारत
में हमेशा हिन्दू मुस्लिम और सभी धर्म सदियों से मिलजुलकर रहते आये हैं।
हमेशा एक दूसरे की आस्था और भावनाओं का सम्मान करते रहे हैं। देश के
स्वतंत्रता आंदोलन में सभी धर्मों ने एक दूसरे के कंधे से कन्धा मिलकर अपना
योगदान दिया हैं। भारत का सर्वधर्म सदभाव पूरी दुनिया के लिए मिसाल रहा
है। पिछले कुछ सालों में राजनैतिक फायदे के लिए धर्म की राजनीति को फिर से
बढ़ावा देना शुरू हो चूका है। लोगों को इस नफरत की राजनीति को समझना होगा और
इससे बचना होगा। लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है लोगों को फ़िज़ूल के
मुद्दों से बचकर ज़रूरी मुद्दों को समझकर उसके आधार पर वोट देना होगा।
शहाब ख़ान ''सिफ़र''
Post a Comment